किन बीमारियों का होगा इलाज?
इसमें इलाज के कुल 1,354 पैकेज हैं, जिसमें कैंसर सर्जरी और कीमोथेरपी, रेडिएशन थेरपी, हार्ट बाइपास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, रीढ़ की सर्जरी, दांतों की सर्जरी, आंखों की सर्जरी और एमआरआई और सीटी स्कैन जैसे जांच शामिल हैं। मैटरनल हेल्थ और डिलीवरी की सुविधा, नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य सुविधा, कॉन्ट्रासेप्टिव सुविधा और संक्रामक, गैर संक्रामक रोगों के प्रबंधन की सुविधा, आंख, नाक, कान और गले से संबंधित बीमारी के इलाज के लिए अलग से यूनिट होगी. इसके अलावा बुजुर्गों के इलाज की सुविधा भी होगी.
क्या आधार कार्ड है जरूरी?
इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। आप पात्र हैं तो आपको बस अपनी पहचान स्थापित करनी होगी, जिसे आप आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र या राशन कार्ड जैसे पहचान पत्रों से स्थापित कर सकते हैं।
'आरोग्य मित्र' करेंगे मदद
नैशनल हेल्थ एजेंसी ने 14,000 आरोग्य मित्रों को अस्पतालों में तैनात किया गया है। इनके पास मरीजों की पहचान सत्यापित करने और उन्हें इलाज के दौरान मदद करने का काम होगा। लाभार्थियों के वेरिफिकेशन में इन आरोग्य मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी, इसके अलावा किसी भी पूछताछ और समस्याओं के समाधान के लिए भी मरीज इन लोगों से संपर्क कर सकेंगे।
सवाल- अस्पताल जाकर क्या करना होगा?
जवाब-मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के बाद अपने बीमा दस्तावेज देने होंगे जिसके आधार पर अस्पताल इलाज के खर्च के बारे में बीमा कंपनी को सूचित कर देगा और बीमित व्यक्ति के दस्तावेजों की पुष्टि होते ही इलाज बिना पैसे दिये हो सकेगा. इस योजना के तहत बीमित व्यक्ति सिर्फ सरकारी ही नहीं बल्कि निजी अस्पतालों में भी इलाज करा सकेगा. निजी अस्पतालों को इस योजना के साथ जोड़ने का कार्य शुरू कर दिया गया है. इस योजना से निजी अस्पतालों को भी लाभ मिलने की संभावना है क्योंकि पैसे की कमी के चलते काफी लोग सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही जाते थे जोकि अब निजी अस्पतालों में भी जा सकेंगे. साथ ही यह योजना सरकारी अस्पतालों पर बढ़ती भीड़ कम कर पाएगी.
इसमें इलाज के कुल 1,354 पैकेज हैं, जिसमें कैंसर सर्जरी और कीमोथेरपी, रेडिएशन थेरपी, हार्ट बाइपास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, रीढ़ की सर्जरी, दांतों की सर्जरी, आंखों की सर्जरी और एमआरआई और सीटी स्कैन जैसे जांच शामिल हैं। मैटरनल हेल्थ और डिलीवरी की सुविधा, नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य सुविधा, कॉन्ट्रासेप्टिव सुविधा और संक्रामक, गैर संक्रामक रोगों के प्रबंधन की सुविधा, आंख, नाक, कान और गले से संबंधित बीमारी के इलाज के लिए अलग से यूनिट होगी. इसके अलावा बुजुर्गों के इलाज की सुविधा भी होगी.
क्या आधार कार्ड है जरूरी?
इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। आप पात्र हैं तो आपको बस अपनी पहचान स्थापित करनी होगी, जिसे आप आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र या राशन कार्ड जैसे पहचान पत्रों से स्थापित कर सकते हैं।
'आरोग्य मित्र' करेंगे मदद
नैशनल हेल्थ एजेंसी ने 14,000 आरोग्य मित्रों को अस्पतालों में तैनात किया गया है। इनके पास मरीजों की पहचान सत्यापित करने और उन्हें इलाज के दौरान मदद करने का काम होगा। लाभार्थियों के वेरिफिकेशन में इन आरोग्य मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी, इसके अलावा किसी भी पूछताछ और समस्याओं के समाधान के लिए भी मरीज इन लोगों से संपर्क कर सकेंगे।
सवाल- अस्पताल जाकर क्या करना होगा?
जवाब-मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के बाद अपने बीमा दस्तावेज देने होंगे जिसके आधार पर अस्पताल इलाज के खर्च के बारे में बीमा कंपनी को सूचित कर देगा और बीमित व्यक्ति के दस्तावेजों की पुष्टि होते ही इलाज बिना पैसे दिये हो सकेगा. इस योजना के तहत बीमित व्यक्ति सिर्फ सरकारी ही नहीं बल्कि निजी अस्पतालों में भी इलाज करा सकेगा. निजी अस्पतालों को इस योजना के साथ जोड़ने का कार्य शुरू कर दिया गया है. इस योजना से निजी अस्पतालों को भी लाभ मिलने की संभावना है क्योंकि पैसे की कमी के चलते काफी लोग सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही जाते थे जोकि अब निजी अस्पतालों में भी जा सकेंगे. साथ ही यह योजना सरकारी अस्पतालों पर बढ़ती भीड़ कम कर पाएगी.
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